लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (27)
जिस वक्त अलका राहुल को दिल्ली में हुई सारी आपबीती बता रही थी.....उस वक़्त रश्मि भी पीछे बैठी सब सुन रही थी.......जिसके बारे में किसी को भी पता नहीं चला।
सारी बातें सुनने के बाद राहुल ने कहा :- तुम्हारा मतलब इस वक़्त रोहित सर मुश्किल में हैं.....। हम उन्हें ऐसे नहीं छोड़ सकते अलका। एक काम करते हैं तुम सब रोहित सर के लोगों के साथ किसी सुरक्षित जगह पर जाओ मैं सर की मदद करने जा रहा हूँ....। उन्होंने रश्मि के लिए इतना सब किया हैं.....उनको ऐसे अकेले छोड़ देना सही नहीं हैं...। राहुल ने सड़क के किनारे अपनी कार रोकी। उनके पीछे आ रही कार भी रुकी।
राहुल ने कार से उतरते हुए कहा :- आप इन सबको सुरक्षित यहाँ से लेकर जाइए, मैं रोहित की तलाश में जा रहा हूँ...।
अलका भी नीचे उतरी ओर राहुल से कहा -: राहुल मैं भी चलती हूँ....तुम्हारे साथ।
उसी वक़्त रश्मि की आवाज ने सबको चौंका दिया..... कोई कहीं नही जाएगा.....।
सबने एक साथ मुड़कर देखा तो रश्मि कार के बाहर खड़ी थी।
अलका और राहुल दौड़ते हुए उसके पास गए।
अलका:- रश्मि तु....
रश्मि ने बीच में बोलते हुए कहा-: बस अलका मुझे तुझसे अभी कोई बात नहीं करनी....।
रश्मि क्या हुआ, तु ऐसे क्युं बोल रही हैं....?
राहुल को सब बता सकती हैं और मुझे नहीं.... ये हैं तेरी दोस्ती!!!
पर रश्मि उस वक़्त....
रश्मि ने फिर से बीच में रोका ओर कहा :- कुछ भी हो उस वक़्त.... मुझे तो बताना चाहिए था ना। मुझे अभी किसी से कोई बात नहीं करनी, और ना ही किसी को मेरे साथ चलने की जरूरत हैं, मैं खुद जाउंगी रोहित सर की मदद करने। उनके बहुत अहसान हैं मुझ पर.....।
ऐसा कहकर रश्मि बिना किसी की कुछ सुने रोहित के भेजें हुए लोगों की तरफ़ गई और उनको कहा: -चलिए यहाँ से ....हमें पहले सर को ढुँढना चाहिए।
अलका, राहुल और उसकी मम्मी उसको रोकते रहे पर रश्मि ने किसी की नहीं सुनी।
उन लोगो को भी मजबूर होकर रश्मि का साथ देना पड़ा। उन्होंने रश्मि को अपनी कार में बिठा दिया। ओर वापस पीछे चल दिए। राहुल ने भी अलका और रश्मि की मम्मी को बिठा कर अपनी कार उनके पीछे ले ली....।
वही दुसरी ओर रिषभ और उसके आदमी भी रोहित को अपने साथ लेकर उसी ओर बढ़ रहे थे।
कुछ दूरी तक चलते ही दोनों की गाड़ियां आमने सामने आ गई।
एक तरफ रिषभ और उसके लोग थे। दूसरी ओर रश्मि ओर रोहित के लोग।
रिषभ अपनी गाड़ी से बाहर आया....। रश्मि भी बाहर आई ओर रिषभ से बोली :- रोहित सर को छोड़ दो। तुम्हारी दुश्मनी मुझसे हैं ना .....मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूँ....।
रिषभ- वाह ये हुई ना समझदारी वाली बात....।
इतने मैं राहुल और अलका भी अपनी गाड़ी लेकर वहां पहुंच गए....।
राहुल :- रश्मि प्लीज चुपचाप अपनी कार में चली जाओ। इससे मैं निपट लेता हूँ।
अलका- रश्मि प्लीज तुम्हे मुझपे जितना चाहिए ..उतना गुस्सा और नाराजगी जता देना.. पर अभी जोश से नहीं होश से काम लो.....। इस वक़्त तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं हैं....। प्लीज इस वक़्त तुम अंदर जाओ।
लेकिन रश्मि ने सब सुना अनसुना कर दिया....।
तभी उसकी मम्मी भी गाड़ी से बाहर आई ओर बोली :- रश्मि बेटा प्लीज इनकी ना सही मेरी बात मान लो....।
रश्मि ने पलटकर अपनी माँ की ओर देखा। वो उनकी ओर जाने के लिए पलटी.....। दो कदम ही चली थी कि दूसरी ओर से रिषभ ने आवाज दी:- रुक जाओ रश्मि..... वही रुक जाओ... वरना अपने रोहित सर की जिंदगी से हाथ धो बैठोगी....।
रिषभ ने रंजीत को इशारा किया....। रंजीत रोहित को खिंचता हुआ गाड़ी से बाहर ले आया ओर उस पर गन तान कर खड़ा हो गया....।
रश्मि वापस रिषभ की ओर पलटी ओर उस ओर जाने लगी तो राहुल उसके सामने आकर खड़ा हो गया....।
राहुल :- रिषभ रोहित सर को छोड़ दो वरना अच्छा नहीं होगा...।
रोहित के लोग भी रश्मि को कार में बिठाकर बोले -: आप सब अंदर बैठिये हम देखते हैं इनको...।
राहुल ने अलका को इशारा किया तो अलका रश्मि और उसकी मम्मी को लेकर कार में चली गई।
रोहित के लोग भी हथियारों के साथ खड़े हो गए। रोहित सर को हमारे हवाले कर दिजिए वरना ....
रिषभ-वरना क्या कर लोगे तुम लोग.....। तुम लोग रश्मि को हमारे हवाले कर दो हम रोहित को छोड़ देंगे....।
सामने से रोहित जो रस्सियों से बंधा हुआ था बोला:- नहीं आकाश इनकी कोई बात नहीं मानना....। ये लोग मुझे कभी नहीं मारेंगे, क्योंकि मुझे मारकर इनको कुछ हासिल नहीं होगा। तुम रश्मि को लेकर यहाँ से चले जाओ...।
रंजीत- उसको तो मैं अब यहाँ से जाने देने वाला नहीं हूँ....। वो अब मेरी प्रोप्रटी है रोहित.....। मैंने दाम दिया हैं उसका। उसको तो भूल ही जाओ....।
रंजीत ऐसा कहते हुए आगे बढ़ने लगा... तभी रोहित ने उसके पैरों में अपने पैर फंसा दिए...। वो धड़ाम से गिर पड़ा ओर उसके हाथों से गन भी छटक गई। इसी मौके का फायदा उठाकर राहुल तेजी से उस ओर दौड़ा ओर उसने वो गन उठा ली। राहुल ने गन उठाकर रंजीत के सिर पर रख ली और रिषभ से कहा :- अब तुम रोहित सर को छोड़ो वरना अपने वफादार आदमी से हाथ धो बैठोगे.....।
रिषभ जोर जोर से हंसने लगा ओर कहा--: तुम्हे पता भी हैं.....ये कौन हैं... ये मंत्री का बेटा है.... अगर इसका बाल भी बांका हुआ ना तो तुम तो गए।
राहुल- अच्छा ऐसा है क्या......ओहह मैं तो डर गया।
राहुल ने अपने हाथ में रखी गन रोहित के आदमियों को दी और रंजीत के मुंह पर एक जबरदस्त पंच 👊मारा....। रंजीत मुंह के बल जमीन पर गिर गया ओर उसके होठों के पास से खुन निकलने लगा। राहुल उसके उपर बैठ गया ओर उसकी गर्दन में अपनी कलाई डालकर उसका गला दबाने लगा। और फिर कहा :- तेरा ये मंत्री का बेटा तो एक पंच में ढेर हो गया रिषभ। अब रोहित सर को छोड़ रहे हो या इसे जान से मार दुं....?
मार दो.....। मुझे इसके होने नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता हैं......। मै तो खुद इसे मारने के लिए मौका ढुँढ रहा था....। साला जब देखो तब सिर्फ फ्रेश**********चाहिए।मैं कोई ***** करने वाला लगता हूं...! मुझे सिर्फ रश्मि चाहिए.... सिर्फ रश्मि......वो मेरे पास आई तो बाकी सब खुद ब खुद आ जाएगा......समझें।
तभी रंजीत राहुल की पकड़ से छुट गया। और फिर दोनों ओर से फायरिंग होने लगी....।
रंजीत राहुल की ओर से फायरिंग कर रहा था क्योंकि वो रिषभ की बात सुनकर हैरान हो गया था.....। रंजीत ने मौका देखकर अपने साथियों को भी अपनी ओर ले लिया था..।
बहुत देर तक ऐसे ही मारामारी ओर फायरिंग चलती रहीं.....।
रोहित भी रंजीत के आदमियों के साथ दूसरी ओर आ चुका था।
अब दूसरी ओर सिर्फ रिषभ उसके साथी ओर मोहन ही रह गए थे....। राहुल ने रोहित की रस्सियाँ खोल दी थी।। दोनों ओर से ऐसे ही लड़ाई चलती रहीं।
दोनों ओर चल रही इस लड़ाई में मौका देखकर मोहन ने रश्मि को अपनी गिरफ्त में ले लिया था ....ओर उसे खिंचता हुआ रिषभ की ओर लेकर जाने लगा....।
तभी सामने से चल रही फायरिंग में रिषभ के शख्स ने रश्मि की ओर फायरिंग कर दी.... लेकिन राहुल ने ये सब देख लिया था उसने बिना मौका गवाएं रश्मि को धक्का दे दिया .....ओर गोली राहुल को जा लगीं....।
ये सब कुछ इतना जल्दी हुआ की किसी को कुछ समझ नहीं आया। राहुल जमीन पर गिर पड़ा। मोहन भी घबरा गया। रश्मि मोहन की पकड़ से छुटते हुए जोर से चिल्लाई.... राहुल........
अलका और रोहित भी दौड़कर राहुल की ओर आए....।
राहुल के सीने पर गोली लगीं थीं....।।
रश्मि ने राहुल का सिर अपनी गोद में लेकर कहा- : ये तुमने क्या किया राहुल......क्युं किया.....!
रिषभ ने अपने उस साथी को भी गोली मार दी जिसने रश्मि की ओर फायरिंग की थी... बेफकूफ अगर वो गोली रश्मि को लग जाती तो..... रिषभ उस पर लगातार फायर किए जा रहा था... तभी मोहन वहां आया ओर रिषभ को रोका.....।
ओर रिषभ से कहा -ये वक़्त गुस्सा करने का नहीं हैं....। हम जिस काम के लिए आए थे वो करो....।
रोहित ने अपने साथियो की मदद से राहुल , रश्मि और अलका को कार में बिठाया ओर अपने साथियो से कहा :- तुम लोग जल्द से जल्द राहुल को हास्पिटल लेकर जाओ तुरंत....।
क्रमशः..................................